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What is WiFi Router?

 Wi-Fi Router 

आप सभी लोग इंटरनेट का उपयोग जरूर करते होंगे इंटरनेट का उपयोग विविन्नप्रकार के डिवाइस पर किया जाताहै जैसे फोन ,कंप्यूटर और लैपटॉप आदि. इसके लिए आपको इंटरनेट डिवाइस की जरूरत पड़ती है जिसके द्वारा आपको इंटरनेट कनेक्शन मिलता है। 


यह डिवाइस मुख्यता Wi-Fi network स्विच और Dongle होते हैं, आजकल Mobile के माध्यम से भी हॉटस्पॉट (hotspot) का यूज करके इंटरनेट का उपयोग कंप्यूटर Computer व लैपटॉप Laptop पर आसानी से किया जा सकता है. आज के टाइम पर वाईफाई के लिए सबसे अधिक उपयोग होने वाला डिवाइस Wi-Fi-router है।

Router- राउटर एक प्रकार का डिवाइस होता है इसका उपयोग IP नेटवर्क को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है।


इसका उपयोग दो अलग – अलग नेटवर्क के बीच कम्युनिकेशन कराने के लिए किया जाता है यह एक इंटेलिजेंट डिवाइस होता है जोकि ऑटोमेटिक डाटा का Path डिफाइन करके सिग्नल signal को सेंड send और रिसीव Receive करता है यह एक गेटवे Gateway की तरह काम करता है अतः गेटवे आईपी IP के माध्यम से नेटवर्क को बाहर के नेटवर्क से जोड़ता है। 


डिफॉल्ट गेटवे Default Gateway सेटिंग का राउटर में बहुत अधिक महत्व होता है कम्युनिकेशन कराने के लिए इसका उपयोग सबसे अधिक किया जाता है यह एक विशेष प्रकार का फीचर्स features होता है जिसको सेटिंग के माध्यम से सेटअप Setup किया जाता है यह डिवाइस device को OSI Model मॉडल के 3rd Layer पर यानी कि नेटवर्क लेयर(Network Layer) पर कार्य करता है।





यह केवल आईपी पैकेटस IP Packets को समझता है। वाईफाई Wi-Fi विभिन्न प्रकार के मॉडल व कंपनी के अनुसार अलग-अलग होते हैं, अतः इनको कंफीग्र्ड configure करने की प्रक्रिया भी अलग-अलग होती है। यह विशेष प्रकार के OS पर कार्य करते हैं, जिसके माध्यम से वाईफाई को लॉगइन कर इसकी सेटिंग Setting की जाती है, इसमें OS विविन्न प्रकार के होते हैं जैसे कि सिस्को Cisco में IOS,JUN-OS, NOS-OS आदि। 


इसमें विशेष प्रकार का फ्रॉम वेयर Firmware होता है जो Router को अपग्रेड Upgrade करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, राउटर में कंसोल पोर्ट CONSOLE Port होता है जिसके माध्यम से इसे कॉन्फ़िगर किया जाता है। यह स्टैटिक Static और डायनामिक Dynamic दो प्रकार के सेटिंग के साथ आता है विभिन्न प्रकार के राउटर Router में अलग-अलग फीचर Features आते हैं जैसे कि यदि जरूरत पड़ने पर हम इसे एक्सेस प्वाइंट Access-Point में कंफीग्रर भी कर सकते हैं। अतः इसे हम एक्सेस प्वाइंट के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।


मार्केट में विभिन्न प्रकार के राउटर मिलते हैं जैसे की सिस्को, D-link, T-Plink, tenda आदि हैं। यह सभी बेहतरीन राउटर होते हैं जिसका बड़े फॉर्म और Home, Office में इस्तेमाल किया जाता है यह विभिन्न प्रकार के रेंज में उपलब्ध होते हैं। जैसे कि 10 मीटर वाईफाई रेंज 15 मीटर 25 मीटर आदि जितना ही महंगा राउटर होता है उतना ही अच्छे कंफीग्रेशन वाला राउटर होता है। 

बेहतर कंफीग्रेशन वाला राउटर लंबी दूरी तक रेंज को ब्रॉडकास्ट करता है और इसकी सिग्नल भी स्ट्रांग रहती है।




Types of Wi-Fi Router and uses.

Wifi राउटर विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे कि Access-Point प्वाइंट वाईफाई, वाईफाई, WIFI Extender आदि। इनका उपयोग जरूरत व इनके बेहतरीन फीचर्स के अकॉर्डिंग किया जाता है Home-Use राउटर का उपयोग बहुत अधिक किया जाता है। 


अतः इसका का रेंज बहुत कम होती है यह आमतौर पर सस्ते राउटर होते हैं जिनका ब्रॉडकास्ट रेंज बहुत ही कम होता है लेकिन कमर्शियल राउटर यानी कि ऑफिशियल use के लिए जो Wi-Fi हम यूज करते हैं इसका ब्रॉडकास्ट रेंज बहुत अधिक होता है और इसका सिग्नल स्ट्रांग रहता है, परंतु यह बहुत कॉस्टली costly होते हैं जिनका उपयोग बड़े ऑफिस व बड़े बिल्डिंगों के लिए किया जाता है। 


आजकल इस प्रकार के राउटर का उपयोग पब्लिक प्लेस Public Place में किया जाता है ताकि बाहर के लोग भी इस से कनेक्ट हो सके और इंटरनेट का उपयोग कर सकें यह मुख्यतः रेस्टोरेंट्स, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है।


How to configure a Wi-Fi router? 


सबसे पहले वाईफाई को इथरनेट केबल से कनेक्ट करने के बाद ब्राउज़र के माध्यम से कॉन्फ़िगर करने के लिए ब्राउज़र पर उसके डिफॉल्ट आईपी ऐड्रेस ओर पासवर्ड की सहायता से सेटिंग को ओपन किया जाता है राऊटर का डिफॉल्ट IP Address 192.168.0.1 और 192.168.1.1 होता है डिफ़ाल्ट पासवर्ड एडमिन होता है फिर नेटवर्क सेटिंग के ऑप्शन पर क्लिक करना होता है फिर नेट कनेक्शन टाइप सेलेक्ट करने के बाद Static IP को फिलप किया जाता है।




फील करने के बाद इसे Save किया जाता है स्टैटिक आईपी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (Internet services Provider) के अनुसार अलग-अलग हो सकता है. और वाईफाई राउटर का पासवर्ड अपने अनुसार सेट करने के बाद वाईफाई को Re-start किया जाता है। 

इस प्रकार आपका वाईफाई पूरी तरह से Configure हो जाता है और आप इसे अपने कंप्यूटर लैपटॉप व मोबाइल पर आसानी से एक्सेस कर सकते हैं और इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं


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