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Delhi corona cases and update


दिल्ली मे फिर बढ़ाया जाएगा एक हफ्ते का Lockdown



दिल्ली मे फिर बढ़ाया जाएगा एक हफ्ते का lockdown। दिल्ली मे बिगड़ते हालात को लेकर श्री अरवीन्द्र केजरीवाल ने फिर से दिल्ली में 1 हफ्ते के लॉकडाउन को जारी रखने के लिए मंजूरी दे दी है।  दिल्ली के हेल्थ केयर सेंटर में भी covid19 वेक्सीन की भारी कमी है,बीते कई दिनों से दिल्ली में मरीजो की हालत बहुत ही दयनीय स्थिति में पहुच गई है। भारत में कई राज्यों के हस्पताल ऑक्सीजन की भारी कमी से परेशान हैं। यदि देस में ऐसा मंजर लगातार चलता रहा तो देश को भारी नुकसान पहुंच सकता है जिससे जान माल की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। 

शमसान घाटो पे मृतकों की कतार बढ़ती जा रही है। देश के कई राज्यों में लोगों का पलायन भारी मात्रा में देखने को मिल रहा है। सरकार देश के बिगरते हालात को लेकर काफी चिंतित हैं, अतः जल्द ही देश के कई राज्यों में बडी संख्या में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारिया चल रही है, अब जल्द ही हालात को काबू करने के लिए सरकार जरूरी कदम उठाने जा रही है।



देश में प्रति दिन भारी मात्रा में covid19 की वैक्सीलेशन सुचारु रूप से किया जा रहा है और इसका प्रभाव गुणवत्ता पूर्ण है।

गौरतलब है कि ठीक होने वाले लोगों के भी अकड़े बढ़ रहे है।

How to reset Lenovo laptop

How To Reset Laptop Window 10


  • 1.   कई बार हमारे लैपटॉप में कई अलग-अलग प्रॉब्लम आने लगती हैं जिसकी वजह से हमारे लैपटॉप बहुत स्लो हो जाता है और यह प्रॉब्लम इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि इसको ठीक करना बहुत जरूरी हो जाता है कई बार हमारी फाइलें भी नहीं ओपन हो पाती और कई सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं हो पाते इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि इस तरह के प्रॉब्लम को कैसे ठीक किया जाता है और इस प्रकार के प्रॉब्लम ज्यादातर लेनोवो लैपटॉप में आते हैं.



  • 2.   इस पोस्ट में हम जानेंगे कि किस तरह लेनोवो लैपटॉप में आने वाले प्रॉब्लम्स को Troubleshoot किया जा सकता है इस प्रकार के प्रॉब्लम लेनोवो लैपटॉप को काफी स्लो कर देते हैं और अगर हम इसमें नए सॉफ्टवेयर और प्रोग्राम इंस्टॉल करना चाहे तो वह इंस्टॉल होने में प्रॉब्लम करते हैं तो आइए जानते हैं इन को कैसे Troubleshoot  किया जाता है इसकी कुछ बेहतरीन स्टेप है जिसको हम फॉलो करेंगे और लेनोवो लैपटॉप को (Factory Reset) फैक्ट्री रिसेट करेंगे फैक्ट्री रिसेट बहुत सावधानी से करनी चाहिए क्योंकि इसमें आपका इंपोर्टेंट डाटा जाने का भी खतरा (लॉस ) होने का भी चांस होते हैं लेकिन हम इसे काफी केयरफुली करेंगे और आप अगर अपने लैपटॉप को रिसेट करना चाहते हैं तो पहले अपने डेटा का बैकअप ले लीजिए ताकि कोई प्रॉब्लम हो तो आपका डाटा सुरक्षित रहे.

 

  • 3.   आजकल लेनोवो के जितने भी नए लैपटॉप आते हैं उनमें एक हार्ड रिसेट बटन होता है उस बटन को सिम इंजेक्टर या कोई पिन कि सहयता से 5  सेकेंड के लिए प्रेस (दबाये )करें ध्यान रहे प्रेस तभी करना है जब लैपटॉप बंद हो जब आप रिसेट बटन दबायेगे तो अपने आप लैपटॉप स्टार्ट हो जाएगा और आपके सामने एक पॉपअप शो होगा। 


              


  • 4.   आपको नोवा बटन मेनू सो होगा इसमें चार ऑप्शन होंगे नार्मल स्टार्टअप बायोस्टेट सेटअप बूट मेनू सिस्टम रिकवरी आपको सिस्टम रिकवरी पर जाना है और इंटर प्रेस करना है.

 



  • 5.   आपको एक नया विंडोज शो होगा जिस पर लेनोवो का आइकन होगा और नीचे प्लीज वेट लिखा होगा कुछ देर इंतजार करने के बाद आपके सामने एक और विंडोज ओपन हो जाएगी जिसमें चार ऑप्शन होंगे उन ऑप्शन में से आपको Troubleshoot वाला ऑप्शन सेलेक्ट करना है और इंटर प्रेस करना है.

 


  • 6.   ऑप्शन में Troubleshoot ऑप्शन में आपको दो ऑप्शन और शो होगा पहला ऑप्शन रिसेट द पीसी Reset the pc दूसरा ऑप्शन एडवांस ऑप्शन Advanced option आपको फर्स्ट ऑप्शन पर इंटर करना होगा और आपके सामने एक और ऑप्शन दिखेगा जिसमें लिखा होगा Choose an option.




  •   इस ऑप्शन में दो भाग होंगे keep my files और रिमूव एवरीथिंग आप अपनी सुविधा के अनुसार इन दोनों ऑप्शन में से कोई एक का चयन कर सकते हैं फर्स्ट ऑप्शन आपके डाटा को सेव करने के लिए होगा और दूसरा ऑप्शन रिमूव का होगा इसमें आप के डाटा को पूरी तरह से फॉर्मेट कर के सिस्टम को रिसेट करने का ऑप्शन होगा आपको keep my files  पर केवल इंटर प्रेस करना है.

 

  • 7.   इसके बाद आपको दो ऑप्शन दिखेंगे पहला ऑप्शन (Only the drive where windows is installed) ओनली द ड्राइव वेयर विंडोज इंस्टॉल को रिसेट करने का ऑप्शन होगा और दूसरा ऑप्शन (All Drivers) ऑल ड्राइवर को रिसेट करने का होगा आपको केवल (Only the drive where windows is installed) ऑप्शन को सिलेक्ट करना है और Enter press करना है.




  •  उसके बाद आपको दो ऑप्शन और दिखेंगे Just remove my files दूसरा ऑप्शन फुल्ली क्लीन द ड्राइव fully clean drive होगा आपको जस्ट रिमूव माय फाइल पर क्लिक करना है और enter प्रेस्स करना है कुछ देर बाद आपका पीसी रिसेट के लिए तैयार हो जाएगा और रिसेट का ऑप्शन आ जाएगा जैसी आप रिसेट पर इंटर करेंगे आपके पीसी री स्टार्ट Restart होगा और री सेटिंग शो Resetting this pc शो करेगा जिसमें आपको दिखेगा कि कितने पर्सेंट पीसी अभी रिसेट हुआ है.



 


इस प्रकार आप आपने लेनोवो लैपटॉप को रिसेट कर सकते हैं.

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How to set default printer in windows 10

How do I change my default printer?

अक्सर हमें कंप्यूटर और लैपटॉप में देखने को मिलता है की कई प्रकार के प्रिंटर हमारे कण्ट्रोल पैनल के डिवाइसेस एंड प्रिंटर्स सेटिंग में दिखाई देते है, और अगर हमे सही प्रिंटर सेटअप के बारे में नहीं पता होता है तब हमें परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस पोस्ट में आपको डिफाल्ट प्रिंटर की सेटिंग करने का तरीका बाते जा रहा हु जिसकी मदद से आप अपने प्रिंटर को डिफाल्ट सेट कर सकते है. 





For Windows 7-  विंडोज 7 के लिए 

  • स्टेप  1- सबसे पहले, विंडोज़ पर स्टार्ट बटन पर जाएँ डिवाइस और प्रिंटर पर क्लिक करें।

प्रिंटर



  • स्टेप  2- नया डिफ़ॉल्ट प्रिंटर सेट करने के लिए जिस प्रिंटर का आप उपयोग करना चाहते हैं उसे राइट-क्लिक करें और सेट को डिफ़ॉल्ट प्रिंटर के रूप में चुनें। फिर आपको प्रिंटर पर एक हरे रंग की टिक मार्क दिखाई देगी।

printer


  • स्टेप 3- सेटिंग कम्पलीट होने के बाद आपको यह अलर्ट दिखाई देगा की आपके दस्तावेज़ आपके नए चयनित प्रिंटर से प्रिंट हो जाएंगे।

printer


For Windows 10 - विंडोज 10 के लिए 

  • स्टेप 1- सबसे पहले, विंडोज़ पर स्टार्ट बटन पर जाएँ डिवाइस और प्रिंटर पर क्लिक करें।

  • स्टेप 2- नया डिफ़ॉल्ट प्रिंटर सेट करने के लिए जिस प्रिंटर का आप उपयोग करना चाहते हैं उसे राइट-क्लिक करें और सेट को डिफ़ॉल्ट प्रिंटर के रूप में चुनें। फिर आपको प्रिंटर पर एक हरे रंग की टिक मार्क दिखाई देगी।

  •  स्टेप 3- सेटिंग कम्पलीट होने के बाद आपको यह अलर्ट दिखाई देगा की आपके दस्तावेज़ आपके नए चयनित प्रिंटर से प्रिंट हो जाएंगे।

For Mac - 

  • स्टेप 1- सिस्टम प्राथमिकताएं Preferences बटन पर क्लिक करें और फिर प्रिंट और स्कैन का चयन करें।

  • स्टेप 2- इसके बाद कंप्यूटर पर स्थापित सभी प्रिंटर को दिखाने के लिए प्रिंटिंग टैब को सेलेक्ट करें। बोल्ड में से एक आपका वर्तमान डिफ़ॉल्ट प्रिंटर दिखाई देगा। 

  • स्टेप 3- नया डिफ़ॉल्ट प्रिंटर सेट करने के लिए प्रिंट डायलॉग पुल-डाउन मेनू में चयनित प्रिंटर से एक का चयन करें। 

  • स्टेप 4- अब आपके दस्तावेज़ आपके नए चयनित प्रिंटर से प्रिंट हो जाएंगे।

इस प्रकार हम इन विविन्न प्रकार के ऑपरेटिंग सिस्टम में प्रिंटर को डिफ़ॉल्ट सेट कर सकते है. 
आशा करता हु की आप सभी को यह उपयोगी इनफार्मेशन जरूर अच्छी लगी होगी, अगर कोई सुझाव है तो आप मुझे से ईमेल के माध्यम से संपर्क कर सकते है. 


Networking Interview Questions

What are the requirements for a computer networking technician? 


संसार में बढाती आबादी और तकनीक के बढ़ते उपयोग में जहा लोगों के पास कई प्रकार के इलेट्रॉनिक गैजेट्स है जो की इंटरनेट से जुड़े है जिनकी मदद से लोग कही भी आसानी से बात कर सकते है तथा वीडियो कॉलिंग के जरिये एक दूसरे को देख सकते है. इंटरनेट लोगो के जीवन का एक महत्वपूर्ण पार्ट बनचुका है। 


वर्ष 2020 के डाटा के अनुसार विश्व भर में सबसे अधिक इंटरनेट का उपयोग चीन, भारत और अमेरिका में होता है। चीन और भारत में सबसे अधिक इंटरनेट को उपयोग करने वाले यूजर हैं। क्योकि यहाँ सबसे अधिक जनसंख्या इन्ही देशों की है जो इंटरनेट का उपयोग करते हैं। अतः यह सभी कार्य नेटवर्किंग के जरिये संभव हो पता हैँ। 


इस अध्याय में हम जानेगें की एक कंप्यूटर नेटवर्किंग तकनीशियन के लिए क्या -क्या आवश्यकता है? जिनकी मदद से वह एक सफल नेटवर्क इंजीनयर बन सकता हैं। 

इस Post में आपको Networking Interview Questions भी दिया जाएगा जिसकी मदद से आप नेटवर्क इंजीनियर Network Enginner के लिए Interview की तैयारी कर सकते हैं।




Good certification course 


एक बेहतर नेटवर्क इंजीनियर बनने के लिए सबसे जरुरी होता है एक Best सर्टिफिकेशन course इसके लिए आप किसी University या इनसीटूटे से यह कोर्स कर सकते है। इस कोर्स में आपको नेटवर्किंग के साथ साथ कंप्यूटर की भी जानकारी होनी जरुरी है। नेटवर्किंग में बेहतर इंजीनियर बनने के लिए आपको CCNA , CCNP आदि की बेहतर जानकारी होनी चाहिए। एक बेहतर नेटवर्क इंजीनियर बनने के लिए आपमें निम्नलिखित योग्यताओ का होना आवश्यक है जैसे:- 

1- An analytical mind - एक विश्लेषणात्मक दिमाग। 

2- An ability to learn new technologies quickly - नई तकनीकों को जल्दी से सीखने की क्षमता। 

3- Good time management - अच्छा समय प्रबंधन कौशल। 

4- Good knowledge of LAN cable management - लैन केबल प्रबंधन का अच्छा ज्ञान। 

5- Good knowledge of WANs and network routers, network switches, hubs, etc. 

6- Network topology and OSI models. 

7- Firewalls and security.




कंप्यूटर को वायरस से कैसे बचाए? 


वाइरस कम्प्युटर को बहुत जायदा छती पाहुचते है , इंकी वजह से कई बार इंपोर्टेन्त फ़ाइल और प्रोग्राम्स कर्रप्ट हो जाते है, इन सभी अटैक्स से बचने के लिए कई प्रकार के Antivirus का इस्तेमाल किया जाता है जोकि अधिक कॉस्टली भीहोते हैं। कंप्यूटर को वायरस से बचने के लिए निम्ननलिखित उपाय किये जाते है ताकि कंप्यूटर के फाइल्स और डाटा को बच्या जा सके। 

1 - Keep update your software - computer से वायरस को update करने का सबसे अच्छा तरीका होता है अपने सिस्टम के सॉफ्टवेयर को अपडेट रखना। इससे सीसैटेम भी बेहतर तरिके से चलता है और डाटा भी शुरक्षित रहता है। 

2 - Don't click and open other links within email or other sites - अपरिचित प्रेषकों, या ऐसे ईमेल अनुलग्नकों से ईमेल संदेश न खोलें जिन्हें आप नहीं पहचानते हैं। ऐसा कोईभी लिंक और ऑप्शन पर Click नहीं करना चाहिए जिसे आप नहीं जानते हैं। 

3- Use Antivirus software - आप अपने सिस्टम (लैपटॉप और डेस्कटॉप) में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करके भी अपने डाटा को शुरक्षित रखा सकते हैं। 

4- Use strong Password - एक स्ट्रांग पासवर्ड सबसे सही उपाय होता है कंप्यूटर डाटा को शुरक्षित रखने के लिए क्योकि कोईभी आप के सिस्टम को बिना आपके इजाजत नहीं एक्सेस कर सकता और इससे आप का डाटा भी सुरक्षित रहता है।




5 - Use Adbloker on web browser - वायरस अटेक का सबसे अधिक खतरा इंटरनेट के माध्यम से रहता है क्योकि कई प्रकार के Pop -Up ब्राउज़र पे रहते है जिनकी वजह से आसानी से कम्प्यूटर व लैपटॉप में वायरस प्रवेश कर जाता है। अतः इन सभी अटैक के बचने के लिए Adbloker का इस्तेमॉल किया जाता हैं।  

6- Use Antimalware app - Antimalware एक बहुत अच्छा ऑप्शन होता है वायरस से बचने के लिए। 

7- Keep Windows Update - windows update सबसे बेहतर होता है वायरस अटैक बचने के लिए क्योकि यदि सभी सॉफ्टवेयर और पैचेस अपडेट रहेंगे तो वायरस अटैक के चान्सेस भी नहीं के बारबा रहता है। 

8- Windows Defender - Windows defender Microsoft का बेस्ट Antivirus हैं. यदि Windows 10 में कोई Antivirus नहीं भी होगा तभी भी यह फीचर्स वायरस अटैक से कंप्यूटर को बचता है। 

9- Clear browser cache and history data – इंटरनेट ब्राउज़र के History सेक्शन मे काइबर बहुत सारे लिंक्स Add हो जाते है जिनकी वज़ाह से ब्राउज़र slow होने लगता है। अतः इससे बचने के लिए हमे हर बार ब्राउज़र के history को clear करते रहना चाहिए।


Computer hardware and software

What Is Computer Hardware? 



Computer कंप्यूटर - आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि कंप्यूटर हार्डवेयर क्या होता है? और यह कैसे काम करता है? तथा किसी भी कंप्यूटर के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की कितना महत्व होता है अतः हम यह भी कह सकते हैं कि हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों के कॉन्बिनेशन से एक कंप्यूटर कार्य करता है । इसमे हम यह भी जानेंगे कि कंप्यूटर हार्डवेयर कितने प्रकार के होते हैं व कंप्यूटर मैं हार्डवेयर की क्या भूमिका होती है? 

Computer Hardware


एक कंप्यूटर विविन्न प्रकार के हार्डवेयर और Software से मिलकर बना होता है, इसमें मुख्य भाग मदर बोर्ड Motherboard प्रोसेसर,Cpu , मॉनिटर Monitor आदि होते हैं कंप्यूटर के हार्डवेयर मैं मदर बोर्ड की मुख्य भूमिका होती है जिनमें विभिन्न प्रकार के हार्डवेयर पार्ट्स होते हैं जैसे कि Ram, ग्राफिक कार्ड Graphics Card, साउंड कार्ड Sound Card, प्लेन कार्ड व अन्य महत्वपूर्ण पार्ट्स मदर बोर्ड के सर्किट बोर्ड से जुड़े होते हैं।





Motherboard 

Motherboard - मदरबोर्ड में एक डिस्पले पोर्ट Display (VGA Port) होता है जिससे मॉनिटर या डिसप्ले को जोड़ा जाता है। डिस्प्ले एक प्रकार का आउटपुट डिवाइस होता है अतः आउटपुट डिवाइस मुख्यता प्रिंटर, प्लॉटर, स्पीकर, हेडफोन, प्रोजेक्टर, जीपीएस आदि होते हैं । 

Input Devices - कंप्यूटर के साथ विभिन्न प्रकार के इनपुट डिवाइस यूज किए जाते हैं जैसे कीबोर्ड Keyboard, माउस Mouse, जॉय स्टिक, लाइट पेन, ट्रैकबॉल, Scanner, ग्राफिक टेबल, माइक्रोफोन Microphone आदि।

Computer Hardware Types -  जैसा कि आप सब जान चुके हैं कि कंप्यूटर हार्डवेयर क्या होता है? आइए हम यह भी जान लेते हैं कि यह कितने प्रकार के होते हैं तथा ये किस काम के लिए यूज किए जाते हैं।






1- Optical Drive- यह एक प्रकार का हार्डवेयर होता है, यह मुख्यत: नोटबुक और डेस्कटॉप (Notbook and Desktop) के साथ आते हैं जिनमें सीडी डीवीडी ड्राइव एंड फ्लॉपी ड्राइव (CDs and  DVD Drive) आदि ड्राइवर होते हैं जोकि इलेक्ट्रोमैग्नेटिक Electromegnatic wave प्रणाली पर कार्य करते हैं।  

2- Hard Disk Drive - मार्केट में विभिन्न प्रकार के हार्ड डिक्स उपलब्ध होते हैं जैसे कि 5400 rpm hard drive ,7200 rpm hard drive यह विभिन्न प्रकार के कैपेसिटी व रेंज में आते हैं जैसे कि 500GB 1tb ,2tb आदि इन सभी ड्राइव का इस्तेमाल डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है यह Sata और IDe  प्रकार के होते हैं जो कि सबसे अधिक मार्केट में उपलब्ध होते हैं। आजकल Sata पोर्ट हार्ड डिक्स Hard Disk सबसे अधिक उपलब्ध है जो कि आसानी से मार्केट में मिल जाता है।  

SSD यह एक प्रकार का नया स्टोरेज Device है ,जोकि hdd  से अधिक फ़ास्ट fast  होता हैं, आनेवाले समय में ये जल्द ही हार्ड डिस्क की जगह ले लेगा। 





3 - Ram - Ram कंप्यूटर हार्डवेयर में सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसे ब्रेन ऑफ कंप्यूटर के नाम से भी जाना जाता है जोकि सीपीयू प्रोसेसर CPU Processor के बाद दूसरे स्थान पर आता है Ram का मुख्य कार्य डाटा के प्रोसेसिंग स्पीड  Processing Speed व कंप्यूटर के कार्य करने की क्षमता को बढ़ाना है Ram विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे SD-Ram, DDR Ram आदि. इन दोनों प्रकार के Ram का उपयोग कंप्यूटर व लैपटॉप के लिए सबसे अधिक किया जाता है। 



Ram को Random Access Memory के नाम से जाना जाता है मार्केट में विभिन्न प्रकार के  Ram मिल जाते हैं जैसे कि DDR1, DDR2 , DDR3, DDR4 आदि इन दिनों सबसे अधिक उपयोग होने वाले RAM - DDR3, DDR4 हैं जिनका Desktop और लैपटॉप में अधिक उपयोग होता है।


4 - Removal Drives - Removal ड्राइव एक प्रकार का स्टोरेज ड्राइव होता है जिसका उपयोग External एक्सटर्नल हार्ड डिस्क के रूप में डाटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है यह विभिन्न प्रकार के स्टोरेज कैपेसिटी के हिसाब से मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं जैसे कि 500GB , 1TB , 2 TB आदि प्रकार के स्टोरेज Storage डिवाइस मार्केट में उपलब्ध होते हैं। 

5 - Graphics Card - यह एक प्रकार का डिस्प्ले डिवाइस होता है जिसका उपयोग उच्च गुणवत्ता वाले मॉनिटर तथा ग्राफिक डिजाइनर एवं Gaming के लिए किया जाता है। यह विभिन्न प्रकार के मॉडल व नाम के साथ market मिलता है, जैसे Invidia ,Msi , Asus आदि। तथा यह भी 1GB ,2GB फीचर्स व गुणों के साथ मिलता है। 

6 - CPU - इसको मुख्यत: सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के नाम से जाना जाता है जो कि कंप्यूटर का ब्रेन होता है ,अतः यह कंप्यूटर का मुख्य Part होता है जिसकी मदद से पूरा कंप्यूटर कार्य करता है। इसमे सिलिकॉन की पतली परते होती है तथा ये नैनो चीज से बना होता है जो कि संपूर्ण कंप्यूटर को सुचारू रूप से कार्य करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।इसकी स्पीड गीगाहर्टज में मापी जाती है जितना अधिक चिपसेट वाला व गीगाहर्टज वाला सीपीयू होगा उतना ही अधिक स्पीड से Computer कार्य करता है। मार्केट में विभिन्न प्रकार के सीपीयू मिलते हैं इनमें से मुख्यत: Intel ,Amd आदि है।





7 - Sound Card- यह एक प्रकार का ऑडियो आउटपुट डिवाइस होता है जोकि मदरबोर्ड में बिल्ड होता है अतः यह मार्केट में अलग-अलग हार्डवेयर डिवाइस के रूप में भी मिलता है जिसका उपयोग प्रोजेक्टर Projector, हेडफोन व गेमिंग के लिए किया जाता है। यह HD sound card फीचर्स के साथ भी मिलता हैं। 

8 Power Supply - यह प्रकार का पावर सप्लाई हार्डवेयर होता है जो कि कंप्यूटर के मदरबोर्ड को पावर सप्लाई देने का कार्य करता है अतः कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो बिजली की मदद से चलता है यह एक विशेष प्रकार का कंप्यूटर हार्डवेयर होता है जिसके बिना कंप्यूटर कार्य नहीं कर सकता। 

9 - Lan Card - Lan कार्ड का उपयोग इंटरनेट के उपयोग के लिए किया जाता है इसकी मदद से इंटरनेट केबल के द्वारा इंटरनेट का कनेक्शन सीपीयू तक पहुंचता है अतः इसी की मदद से कंप्यूटर में इंटरनेट चलता है।

10 - Software - कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर पार्ट्स व डिवाइस को सुचारू रूप से चलाने के लिए विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है अत: इन सभी हार्डवेयर पार्ट्स को चलाने के लिए विशेष प्रकार का सॉफ्टवेयर और ड्राइवर की जरूरत होती है इन सभी के बिना हार्डवेयर पार्ट्स कार्य नहीं कर सकते, हम यह कह सकते हैं कि सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर अधूरा होता है लैपटॉप और कंप्यूटर में मुख्य रूप से  माइक्रोसॉफ्ट विंडोज Windows, Acrobat Reader - PDF, Printer drivers, Lan driver, Sound card driver, Graphics card driver कथा प्रोग्राम कार्य करते हैं।





टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कंप्यूटर पार्ट्स व कंप्यूटर बनाने वाली विभिन्न प्रकार की कंपनियां हैं जो कंप्यूटर के मुख्य पार्ट प्रोग्राम को बनाती हैं इनमें से मुख्य हैं:-

1) Apple inc.               2) Hewlett-Packard - HP,     3) Dell inc      4) IBM       5) Lenovo 

6) Samsung Electronics co. Ltd.  7) Toshiba        8) Acer inc     9) Asus Tek                    
10) Fujitsv     

यह सभी कंपनियां विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर पार्ट्स व प्रोग्राम बनाते हैं जो मार्केट में सबसे अधिक मिलते हैं। इन की लोकप्रियता भी सबसे अधिक है। 




What is WiFi Router?

 Wi-Fi Router 

आप सभी लोग इंटरनेट का उपयोग जरूर करते होंगे इंटरनेट का उपयोग विविन्नप्रकार के डिवाइस पर किया जाताहै जैसे फोन ,कंप्यूटर और लैपटॉप आदि. इसके लिए आपको इंटरनेट डिवाइस की जरूरत पड़ती है जिसके द्वारा आपको इंटरनेट कनेक्शन मिलता है। 


यह डिवाइस मुख्यता Wi-Fi network स्विच और Dongle होते हैं, आजकल Mobile के माध्यम से भी हॉटस्पॉट (hotspot) का यूज करके इंटरनेट का उपयोग कंप्यूटर Computer व लैपटॉप Laptop पर आसानी से किया जा सकता है. आज के टाइम पर वाईफाई के लिए सबसे अधिक उपयोग होने वाला डिवाइस Wi-Fi-router है।

Router- राउटर एक प्रकार का डिवाइस होता है इसका उपयोग IP नेटवर्क को कनेक्ट करने के लिए किया जाता है।


इसका उपयोग दो अलग – अलग नेटवर्क के बीच कम्युनिकेशन कराने के लिए किया जाता है यह एक इंटेलिजेंट डिवाइस होता है जोकि ऑटोमेटिक डाटा का Path डिफाइन करके सिग्नल signal को सेंड send और रिसीव Receive करता है यह एक गेटवे Gateway की तरह काम करता है अतः गेटवे आईपी IP के माध्यम से नेटवर्क को बाहर के नेटवर्क से जोड़ता है। 


डिफॉल्ट गेटवे Default Gateway सेटिंग का राउटर में बहुत अधिक महत्व होता है कम्युनिकेशन कराने के लिए इसका उपयोग सबसे अधिक किया जाता है यह एक विशेष प्रकार का फीचर्स features होता है जिसको सेटिंग के माध्यम से सेटअप Setup किया जाता है यह डिवाइस device को OSI Model मॉडल के 3rd Layer पर यानी कि नेटवर्क लेयर(Network Layer) पर कार्य करता है।





यह केवल आईपी पैकेटस IP Packets को समझता है। वाईफाई Wi-Fi विभिन्न प्रकार के मॉडल व कंपनी के अनुसार अलग-अलग होते हैं, अतः इनको कंफीग्र्ड configure करने की प्रक्रिया भी अलग-अलग होती है। यह विशेष प्रकार के OS पर कार्य करते हैं, जिसके माध्यम से वाईफाई को लॉगइन कर इसकी सेटिंग Setting की जाती है, इसमें OS विविन्न प्रकार के होते हैं जैसे कि सिस्को Cisco में IOS,JUN-OS, NOS-OS आदि। 


इसमें विशेष प्रकार का फ्रॉम वेयर Firmware होता है जो Router को अपग्रेड Upgrade करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, राउटर में कंसोल पोर्ट CONSOLE Port होता है जिसके माध्यम से इसे कॉन्फ़िगर किया जाता है। यह स्टैटिक Static और डायनामिक Dynamic दो प्रकार के सेटिंग के साथ आता है विभिन्न प्रकार के राउटर Router में अलग-अलग फीचर Features आते हैं जैसे कि यदि जरूरत पड़ने पर हम इसे एक्सेस प्वाइंट Access-Point में कंफीग्रर भी कर सकते हैं। अतः इसे हम एक्सेस प्वाइंट के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।


मार्केट में विभिन्न प्रकार के राउटर मिलते हैं जैसे की सिस्को, D-link, T-Plink, tenda आदि हैं। यह सभी बेहतरीन राउटर होते हैं जिसका बड़े फॉर्म और Home, Office में इस्तेमाल किया जाता है यह विभिन्न प्रकार के रेंज में उपलब्ध होते हैं। जैसे कि 10 मीटर वाईफाई रेंज 15 मीटर 25 मीटर आदि जितना ही महंगा राउटर होता है उतना ही अच्छे कंफीग्रेशन वाला राउटर होता है। 

बेहतर कंफीग्रेशन वाला राउटर लंबी दूरी तक रेंज को ब्रॉडकास्ट करता है और इसकी सिग्नल भी स्ट्रांग रहती है।




Types of Wi-Fi Router and uses.

Wifi राउटर विभिन्न प्रकार के होते हैं जैसे कि Access-Point प्वाइंट वाईफाई, वाईफाई, WIFI Extender आदि। इनका उपयोग जरूरत व इनके बेहतरीन फीचर्स के अकॉर्डिंग किया जाता है Home-Use राउटर का उपयोग बहुत अधिक किया जाता है। 


अतः इसका का रेंज बहुत कम होती है यह आमतौर पर सस्ते राउटर होते हैं जिनका ब्रॉडकास्ट रेंज बहुत ही कम होता है लेकिन कमर्शियल राउटर यानी कि ऑफिशियल use के लिए जो Wi-Fi हम यूज करते हैं इसका ब्रॉडकास्ट रेंज बहुत अधिक होता है और इसका सिग्नल स्ट्रांग रहता है, परंतु यह बहुत कॉस्टली costly होते हैं जिनका उपयोग बड़े ऑफिस व बड़े बिल्डिंगों के लिए किया जाता है। 


आजकल इस प्रकार के राउटर का उपयोग पब्लिक प्लेस Public Place में किया जाता है ताकि बाहर के लोग भी इस से कनेक्ट हो सके और इंटरनेट का उपयोग कर सकें यह मुख्यतः रेस्टोरेंट्स, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन आदि जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है।


How to configure a Wi-Fi router? 


सबसे पहले वाईफाई को इथरनेट केबल से कनेक्ट करने के बाद ब्राउज़र के माध्यम से कॉन्फ़िगर करने के लिए ब्राउज़र पर उसके डिफॉल्ट आईपी ऐड्रेस ओर पासवर्ड की सहायता से सेटिंग को ओपन किया जाता है राऊटर का डिफॉल्ट IP Address 192.168.0.1 और 192.168.1.1 होता है डिफ़ाल्ट पासवर्ड एडमिन होता है फिर नेटवर्क सेटिंग के ऑप्शन पर क्लिक करना होता है फिर नेट कनेक्शन टाइप सेलेक्ट करने के बाद Static IP को फिलप किया जाता है।




फील करने के बाद इसे Save किया जाता है स्टैटिक आईपी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (Internet services Provider) के अनुसार अलग-अलग हो सकता है. और वाईफाई राउटर का पासवर्ड अपने अनुसार सेट करने के बाद वाईफाई को Re-start किया जाता है। 

इस प्रकार आपका वाईफाई पूरी तरह से Configure हो जाता है और आप इसे अपने कंप्यूटर लैपटॉप व मोबाइल पर आसानी से एक्सेस कर सकते हैं और इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं


Types of Computer Ram

What is Windows 10?

Windows10 माइक्रोसॉफ्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का सबसे नवीनतम संस्करण है। पिछले कुछ वर्षों में विंडोज के कई अलग-अलग संस्करण प्रकाशित हुए हैं, जिनमें विंडोज windows8 (2012 में जारी), विंडोज windows7 (2009), विंडोज विस्टा vista (2006) और विंडोज एक्सपी Windows Xp (2001) शामिल हैं। जबकि विंडोज के अन्य पुराने संस्करण मुख्य रूप से डेस्कटॉप Desktop और लैपटॉप Laptop कंप्यूटरों पर भी चलते थे, अतः विंडोज 10 को भी टैबलेट पर समान रूप से चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

एक ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर पर सभी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को manage करता है।अतः इसके बिना, कंप्यूटर बेकार हो जाता है। ऑपरेटिंग सिस्टम कैसे काम करता है, इसकी पूरी जानकारी इस अध्याय में आपको दी जायेगी। 

 What is Computer Ram?

हम सभी जानते हैं कि कंप्यूटर हो या लैपटॉप मोबाइल उन सभी को कम काम करने के लिए उनके ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाने के लिए डाटा को प्रोसेस करने के लिए राम की जरूरत पड़ती है अतः रैम का यूज़ डाटा को प्रोसेस करने के लिए किया जाता है।



Computer Ram विभिन्न प्रकार के होते हैं यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं

1 - SD Ram 

2 - S-Ram

 

1 - SD Ram

SD- Ram का फुल फॉर्म होता है Synchronous Dynamic Random Access Memory. SD-Ram बाजार में विभिन्न नामों से मिलते हैं। जैसे कि DDR1, DDR2, DDR3 और DDR4 इन सभी Ram का उपयोग कंप्यूटर और मोबाइल में किया जाता है अतः DDR3 और DDR4 यह दोनों Ram मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं परंतु DDR1 और इससे पुराने रैम आसानी से नहीं मिलते।




SD-Ram की विशेषताएं

1- यह बहुत दिनों तक चलते हैं।

2- इसे बार-बार Refresh करना पड़ता है यानी इसे पावर की जरूरत होती है। 

3- SD-Ram की स्पीड बहुत स्लो होती है।

4- इसे Cache Memory के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।  

5- इसकी साइज बहुत कम होती है। 

6- कंप्यूटर में इसका इस्तेमाल काफी ज्यादा किया जाता है। 

7- कंप्यूटर को डाटा प्रोसेस करने के लिए कुछ code की जरूरत होती है इसका उपयोग इसी काम के लिए किया जाता है।  

8- SD Ram Capacitor and ट्रांजिस्टर से बने हुए स्टोरेज सेल में डाटा की हर बीट (Bit) को स्टोर करता है। 

9- डीएम को डायनेमिक स्टोरेज cell भी माना जाता है. क्योंकि इसे हर एक मिली सेकंड में रिफ्रेश होने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक चार्ज की जरूरत पड़ती है जिससे यह कैपेसिटी से लीक हो रहे चार्ज की कमी को पूरा करता है

10- यह बाकी अन्य Ram से सस्ते होते हैं। 

11- यह बिजली का उपयोग बाकी Ram से ज्यादा करता है। 

12- SD-Ram को ज्यादातर DRam के नाम से जाना जाता है।  

13- SD Ram को डबल डाटा रेट और सिंगल डाटा रेट के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इनमें यह दो तरह के Ram रहते हैं, एक डबल और दूसरा सिंगल पॉवर वाला Ram. डबल का मतलब डबल पावर सिंगल का मतलब Signal Power 

14- इसे डायनामिक रैम (Dynamic Ramके नाम से भी जाना जाता है।



2 S-Ram

1- यह एक प्रकार का Stable Ram होता है।  

2- इसे S-Ram और स्टैटिक Ram भी कहा जाता है।  

3- यह बार-बार रिफ्रेश नहीं होता इसे बार-बार Refresh होने की जरूरत नहीं होती।  

4- S-Ram बेहतर रैम होता है, यह काफी तेज स्पीड से चलता है और डाटा को प्रोसेस करता है।

5- यह बाकी सभी रैम से महंगा होता है। 

6- SRam को Cache मेमोरी के हिसाब से भी प्रयोग किया जाता है।  

7- इसे work करने के लिए कम पावर की जरूरत पड़ती है।



 

Tips:-

1- Cache मेमोरी सबसे तेज मेमोरी होती है।  

2- DDR का मतलब डबल डाटा रेट होता है।  

3- Ram की गड़बड़ी के कारण कम्प्युटर के Display पर कुछ भी नहीं दिखाता और Motherboard नहीं चलता।



 


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